Born on January 23, 1976 in Machagar Laxmiram village of Gopalganj district, Dr. Rana S.P. Singh is a reputed Physician with expertise in the subject of Allergy. Many of his health related mentions have found prominent place in various newspapers and medical journals. Born in a middle-class family, Dr. Singh has obtained many degrees, such as- MBBS, M.D. (MD) and D. A. R. C. G. P. (D. A. R. C. S. P. London) London. He has read his articles in various national seminars, the latest being his paper read in the Department of Neurology, Indira Gandhi Institute of Medical Science, Patna. In this article, he has given many useful information to avoid allergies.
23 जनवरी ,1976 को गोपालगंज जिले के मच्छगर लक्ष्मीराम गाँव में जन्मे डॉ. राणा एस.पी. सिंह एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं ,जिन्होंने एलर्जी विषय पर विशेषज्ञता हासिल की है । स्वास्थ्य संबंधी लिखे उनके अनेकों उल्लेख विभिन्न समाचार पत्रों और मेडिकल जर्नल में प्रमुखता से स्थान पा चुके हैं । एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे डॉ.सिंह ने कई डिग्रियाँ हासिल की हैं, यथा— एम.बी.बी.एस(MBBS), एम.डी. (MD) और डी. ए .आर.सी .जी .पी.(D. A.R.C.S.P. London) लंडन। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय सेमिनार में अपने लेख पढ़े हैं, जिनमें नवीनतम है —’ डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोलॉजी इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस ,पटना में पढ़ा गया उनका पेपर (लेख)। इस लेख में उन्होंने एलर्जी से बचने के लिए कई उपयोगी सूचनाएँ दी हैं।
When Prem Shankar woke up one morning, he felt itchy all over his body, which made the saver worried. He couldn't understand what was wrong with him. He went to a clinic. There the doctor examined him and assured him that he would be fine in a few days. The doctor found that it was a case of 'allergy'. Prem wanted to know what is an allergy? So, the doctor explained to him:
We can say that allergy is a corrupt functioning of the immune system of the human body which causes a violent reaction which is contrary to the natural environment and damages the innate physiological system of the human being. You can be allergic to such a factor. This response produces an exacerbation that is a symptom of many diseases; Such as- hay fever (a type of summer day tide) itching itching asthma and injustice conditions which you are generally popularly called as allergies.
एक सुबह प्रेम शंकर जागा तो उसने अनुभव किया कि उसके सारे शरीर में खुजली हो रही है, जिसके दर्द भरे अनुभव सेवर परेशान हो गया। वह समझ नहीं पाया कि उसके साथ क्या समस्या खड़ी हो गई है। वह एक क्लिनिक गया ।वहाँ डॉक्टर ने उसका परीक्षण किया और उसे आश्वस्त किया कि वह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगा । डॉक्टर ने पाया कि यह एक ‘एलर्जी ‘ का केस है ।प्रेम जानना चाहता था कि एलर्जी होता क्या है? अतः, डॉक्टर ने उसे समझाया :
हम कह सकते हैं कि मानव के शरीर के प्रतिरक्षा व्यवस्था का एक भ्रष्ट कार्य – संपादन ही एलर्जी है जिसके कारण एक हिंसक प्रतिक्रिया होती है जो कि प्राकृतिक वातावरण के विपरीत होती है और मानव के सहज शारीरिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाती है। आप ऐसे कारक को एलर्जी का सकते हैं। यह प्रतिक्रिया एक उत्तेजना उत्पन्न करती है जो कि कई बीमारियों का लक्षण उत्पन्न कर देती है; जैसे— हे फीवर (एक प्रकार का गर्मी के दिन का ज्वार) खाज खुजली दम्मा और अन्याय अवस्थाएँ जिन्हें आप आम तौर पर लोकप्रिय ढंग से एलर्जी कह कर पुकारा जाता है ।
Many genetic and environmental hazards are also factors. There are many factors that develop allergy symptoms, only after coming into contact for some time, a person becomes a victim of allergic disease by inhaling the heat of the stimuli. Environmental factors, such as smoking and pollution, also increase the risk of allergies.
कई उत्पत्ति संबंधी (जेनेटिक) और वातावरणीय खतरे भी कारक होते हैं । एलर्जी के लक्षणों को विकसित करने वाले कई कारक होते हैं, जिसके संसर्ग में कुछ समय के लिए आने के बाद ही एक व्यक्ति एलर्जी के रोग को उत्तेजनाओं के ताप को ग्रहण कर उनका शिकार हो जाते हैं। वातावरणीय कारक ,जैसे कि धूम्रपान और प्रदूषण भी एलर्जी के खतरों को बढ़ा देते हैं।
In the primary stage, allergies appear to be mild, especially during the pollen season while hay fever occurs in the summer. In fact, many people develop allergies gradually, which they may not even be aware of. During this time he cannot even see any symptoms clearly. Some people, unfortunately, get allergic suddenly, to a particular food or to any medicine or from a simple insect bite, which starts with itching, itching or gastric disease. And many people develop asthma, a respiratory disease. The direct path or stage of allergy is known as 'allergy march' or allergy development - race.
प्राथमिक अवस्था में, एलर्जी सुखप्रद प्रतीत होता है, विशेषकर पॉलिन (पराग) मौसम के दौरान है जबकि गर्मियों में ज्वर( है फीवर) हो जाता है । वास्तव में ,बहुत सारे लोगों में एलर्जी धीरे-धीरे विकसित होता है, जिसका उनको पता भी नहीं चल पाता है। कोई लक्षण स्पष्ट भी नहीं देख पाता उनको इस दौरान। कुछ लोगों को जब कि दुर्भाग्यवश अकस्मात एलर्जी हो जाता है ,किसी खास भोजन से अथवा कोई दवाई से या फिर किसी साधारण कीट कीड़े -मकोड़े के काटने से, जिसकी शुरुआत होती है— खाज खुजली से या फिर गैस्ट्रिक की बीमारी की समस्या हो जाती है और बहुत सारे लोगों में दमा का रोग विकसित हो जाता है, श्वास- संबंधी बीमारी उत्पन्न हो जाती है । एलर्जी होने के सीधे-सीधे मार्ग अथवा अवस्था को ‘ एलर्जी मार्च’ या एलर्जी का विकास – दौड़ के रूप में जाना जाता है ।
Our primary knowledge of allergies came from the 1967 discovery of scientists Dravid Uppsala and Balmitimore, known as unknown antibodies, immunoglobins or 'I g E'. The most important characteristic of IgE antibodies is that it can be special or unique or can be made from different 'allergens' which can be in the number of hundreds. Continuing research has brought us many new knowledge related to allergies, such as the interconnected response of IgE and new knowledge related to inflammatory cells.
एलर्जी के संबंध में हमारा प्राथमिक ज्ञान वैज्ञानिक द्रव उप्पसला और बाल्मीटीमोर के 1967 में हुई खोज से हुआ जो कि अज्ञात एंटीबॉडीज, इम्यूनोग्लोबिन या ‘I g E’के नाम से जाना जाता है । Ig E एंटीबॉडीज का सबसे आवश्यक लक्षण का या गुण है कि यह विशेष या विलक्षण भी हो सकता है या फिर विभिन्न ‘एलजेंस’ से निर्मित हो सकता है जो सैकड़ों की संख्या में भी हो सकते हैं । लगातार जारी शोध कार्यों से हमें एलर्जी से संबंधित कई नवीन ज्ञान प्राप्त हुए हैं, जैसे कि IgE का परस्पर संबंधित प्रतिक्रिया और उत्तेजक सेल्स से संबंधित नवीन ज्ञान ।
Effective treatment of asthma requires taking the help of anti-histamines beyond the obvious visible symptoms. For example, it may temporarily suppress the symptoms of the disease, but it does not affect the internal stimuli, that is, the causative agents of the disease. Other drugs that may be effective for seasonal allergies may have some degree of exacerbation of the disease. Should be given a week in advance. Medicinal use of steroids is becoming more and more popular nowadays in the treatment of allergies, but excessive use can cause side effects (other diseases). The serum concentration of ACP should be monitored in the laboratory to ensure the lowest effective dose during the entire treatment. In order to bring about effective quality in the body's immune system, certain white blood cells are injected (introduced) into a protein called sphenophilic cationic protein. Its presence can be detected by a diagnostic test (a test) developed by Phadia ECP.
अस्थमा (दमा) के असरदार इलाज के लिए स्पष्ट गोचर लक्षणों से परे जाकर एंटी-हिस्टामिन्स की सहायता लेनी पड़ती है। उदाहरण के लिए, इससे रोग के लक्षणों को अस्थायी तौर पर दबाया जा सकता है, किंतु इससे अंदरूनी उत्तेजनाओं अर्थात रोग के कारकों पर कोई असर नहीं पड़ता ।अन्य औषध जो मौसमी एलर्जी के लिए असरदार हो सकते हैं, उन्हें रोग अत्यंत बढ़ जाने के कुछ सप्ताह पहले से देना चाहिए। स्टेरॉयड्स का औषधीय उपयोग आजकल एलर्जी के उपाय में लोकप्रिय हो रहा है, पर इसके अधिक प्रयोग में साइड इफेक्ट (अन्य रोग) भी हो सकते हैं । सारे उपचार के दौरान सबसे कम असरकारक औषध की मात्रा ( डोज) सुनिश्चित करने के लिए प्रयोगशाला में एसीपी की सीरम में उपस्थित की निगरानी करना चाहिए । शरीर की प्रतिरोधी व्यवस्था में असरदार गुणवत्ता लाने के लिए निश्चित सफेद रक्त के सेल्स में एक प्रोटीन डाला (प्रवेश कराया ) जाता है जिसका नाम है स्नोफिलिक कैनियूनिक प्रोटीन । इसकी उपस्थित का पता एक डायग्नोस्टिक टेस्ट (एक जाँच ) से लगाया जा सकता है जिसका विकास फैडिया , इ.सी.पी (Phadia ECP) द्वारा किया गया ।
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