The present story ‘Love Defiled’ recollects the romantic days of the narrator with a girl who later an was married to an I.A.S. officer. She had invited the narrator and introduced him to her husband as a bygone friend.
The narrator had already got married much before her and started a career as a professional journalist. But the tender love feeling between the narrators and the girl could never get a physical ground. The story is based on the irony of circumstance.
But there is a happy touch of affection between the girl and boy. The writer has given a brief and slight glimpse of it. “She heard my cock and bull story patiently, never showed any emotions and insisted on footing the bill. You don’t have any complains dear? I asked with moist eyes and a chocked voice all affected.
She clasped my hand with both hands. She said “How can I have complaints against a man who has given me so many moments of happiness? I think if you are happy this way, I should not be so mean as not to feel happy for you. Goodbye, and take care.”
वर्तमान कहानी ‘दूषित प्रेम’ कथाकार के प्रेम प्रसंग के रोमांचक दिनों की याद दिलाती है जो किसी लड़की से संबंधित थी और बाद में उसकी शादी एक आई. ए. एस. ऑफिसर से हो गई। उसने कथाकार को आमंत्रित किया और अपने बिछड़े मित्र के रूप में अपने पति से परिचय कराया।
कथाकार पहले ही शादीशुदा हो चुके थे, और एक व्यावसायिक पत्रकार के रूप में अपनी आजीविका प्रारंभ कर चुके थे किन्तु उस लड़की और कथाकार के बीच का ऐम कभी जमीनी या स्तरीय नहीं हो सका था। कहानी एक व्यंग्यपूर्ण स्थिति की विडंबना पर आधारित है।
किन्तु एक प्रसन्नताभरी अनुभूति उस-लड़की और लड़के के रूप में लेखक को महसूश हुआ है। लेखक ने इसकी हल्की झलक दिखलाई है। “उसने मेरी व्यर्थ की बकवाद को बड़ी धैर्य के साथ सुन ली और अपनी भावनाओं को एक सामान्य अंदाज में व्यक्त की। तुम्हें मेरे प्रति कोई. शिकायत नहीं है प्यारी ? मैंने नम आँखों से सम्पूर्ण रूप से प्रभावित रूखे गले से यह पूछा।
उसने मेरे हाथ पकड़ लिये और दोनों हाथों को दबाती हुई बोली “मुझे उनसे भला कैसे कोई शिकायत हो सकती है जिन्होंने खुशी के इतने क्षण मुझे दिये है ? मैं सोचती हूँ अगर आप इसी तरह से खुश हैं तो भला मैं कैसे इतनी तुच्छ हो सकती हूँ कि आपके लिए खुशी महसूश न करूं? अलविदा, ख्याल रखिएगा।”
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