Once Upon A Time

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“Once upon a time there was an old woman. Blind but wise.” Or’ an old man? A guru, perhaps, soothing restless children. I have heard this story, or one exactly like it, in the lore of several cultures.

‘एक समय में एक बुढ़ी औरत थी। वो अन्धी पर बुद्धिमान थी।’ या वो कोई बुढ़ा आदमी था। शायद एक गुरू ओरेगीयत के शान्त थके हुए बच्चे। मैंने ये, या इस जैसी, कहानी कई सभ्यताओं में सुना है।

“Once upon a time there was an old woman. Blind. Wise.”

एक समय में एक बुढ़ी औरत थी। अन्धी बुद्धिमान।

In the version I know, the woman is the daughter of slaves, black, American, and lives alone in a small house outside of town. Her reputation for wisdom is without peer and without question. Among her people, she is both the law and its transgression. The honour she is paid and the awe in which she is held reach beyond her neighbourhood to places far away; to the city where the intelligence of rural prophets is the source of much amusement.

वो औरत एक गुलाम, काले, अमरिकन की बेटी है और शहर के बाहर एक छोटे से घर में रहती है। उनकी छवि एक बुद्धिजीवी के रूप में है जिस वजह से वो कानून के रूप में भी जानी जाती हैं। उनकी प्रतिष्ठा की खबरें दूर-दूर तक है। वहाँ भी है जहाँ गाँव के पंडित ही मनोरंजन का साधन होते हैं।

One day the woman is visited by some young people who seem bent on disproving her clairvoyance and showing her up for the fraud they believe she is. Their plan is simple: they enter her house and ask the one question the answer to which rides solely on her difference from them, a difference they regard as a profound disability: her blindness. They stand before her, and one of them says.

एक दिन उनके पास कुछ युवक-युवती आते हैं, जो उसकी दिव्य दृष्टि की गलत ठहराने पर तुले हुए हैं और उसे चालबाज बताना चाहते है. जैसा वे उसे समझ रहे हैं। उनकी योजना सरल है। वे उसके घर में प्रवेश करते हैं और वही प्रश्न पूछते हैं जिसका उत्तर मात्र उनसे उसकी भिन्नत पर जाता है, ऐसी भिन्नता जो वे प्रचुर असंयोग्यता समझते हैं, उसका अंधापन । वे उसके आगे खड़े हो जाते हैं और उनमें से एक कहता है।

“Old woman, I hold in my hand a bird. Tell me whether it is living or dead.”

‘बुढी औरत, मेरे हाथ में एक पक्षी है बताओ की वो जीवित है या मृत?’

She does not answer, and the question is repeated. “Is the bird I am holding living or dead?” Still she does not answer. She is blind and cannot see her visitors, let alone what is in their hands. She does not know their colour, gender or homeland. She only knows their motive.

उनका कोई जबाव नहीं आता है फिर सवाल दोहराया जाता है। “वह चिड़‍िया जो मेरे हाथ में है जिन्दा है या मृत ।” फिर भी वह उत्तर नहीं देती है। वह अंधी है और अपने मुलाकातियों को देख नहीं सकती, तो उसके हाथ में क्या है उसका जिक्र की क्या करना । वह उसका रंग नहीं जानती, जाति (पुरुष या स्त्री) या घर नहीं जानती। वह केवल उनका अभिप्राय जानती है।

The old woman’s silence is so long, the young people have trouble holding their laughter.

वो इतने देर तक शान्त रहती है कि वो लोग अपनी हंसी रोक नहीं पाते हैं।

Finally she speaks, and her voice is soft but stern. I don’t know,” she says. “I don’t know whether the bird you are holding is dead or alive, but what I do know is that it is in your hands. It is in your hands.”

अन्तः में वो बोलती है धीमे पर कड़क के ‘मुझे नहीं पता कि ये पक्षी जीवित है या मृत्य पर ये तुम्हारे हाथ में है।’

For parading their power and her helplessness, the young visitors are reprimanded, told they are responsible not only for the act of mockery but also for the small bundle of life sacrificed to achieve its aims. The blind woman shifts attention away from assertions of power to the instrument through which that power is exercised.

अपनी शक्ति और उसकी निस्सहायता दिखाने पर उन युवक मुलाकातियों को फटकारा जाता है, कहा कि वे लोग न केवल उपहास की क्रिया के लिए उत्तरदायी है बल्कि उसका लक्ष्य प्राप्त करने हेतु जीवन का छोटा पुलिन्दा त्याग करने के लिए भी। वह अंधी औरत अपना ध्यान उनकी शक्ति के दावे से हटाकर उस सामान की ओर लगाती है जिसके जरिये उस शक्ति का उपयोग हुआ है।

Speculation on what (other than its own frail body) that bird in the hand might signify has always been attractive to me, but especially so now, thinking as I have been about work I do that has brought me to this company. So, I choose to read the bird as “language” and the woman as a “practiced writer”.

उस हाथ में उस चिड़िया से जो संकेत मिलता है इस बात की अटकल मेरे लिए हमेशा आकर्षण रहा है, किन्तु खासकर वैसा ही अब जैसा मैं काम करने के बारे में सोच रहा हूँ जिसने मुझे इस संगत में लाया है। इसलिए मैंने उस चिड़िया को भाषा के रुप में समझा और उस औरत को “अभ्यस्त लेखक” के रुप में।

“Once upon a time. . .” Visitors ask an old woman a question. Who are they, these children? What did they make of that encounter? What did they hear in those final words: “The bird is in your hands?” A sentence that gestures towards possibility, or one that drops a latch? Perhaps what the children heard was, “It is not my problem. I am old, female, black, blind. What wisdom I have now is in knowing I cannot help you. The future of language is yours.”

‘एक समय की बात है…. उनसे मिलने आए लोग एक सवाल पूछते हैं। वो कौन है, ये बच्चे? उस भिड़ंत का क्या हुआ? उन्होंने अन्तिम शब्दों में क्या सुना? पक्षी आपके हाथों में है?’ ये वाक्य एक सम्भावना के तरफ ले जाता है। शायद बच्चों ने सुना ‘मैं एक बुढी, अन्धी महिला हूँ। मैं अब आप लोगों को नहीं समझाती। भाषा का भविष्य अब आपका है।

They stand there. Suppose nothing was in their hands. Suppose the visit was only a ruse, a trick to get to be spoken to, taken seriously as they have not been before. A chance to interrupt, to violate the adult world, its miasma of discourse about them.

वे वहां खड़े हैं। मान लो उसके हाथ में कुछ नहीं है। मानो वह मुलाकात मात्र एक चतुर योजना थी, एक चाल विचार-विमर्श करने को, | जैसा उन्होंने पहले गंभीर रुप से नहीं किया। व्यस्कों की दुनिया का अतिक्रमण करने के लिए उनके बारे में इनके संवाद का सड़ांफ में हस्तक्षेप करने का एक मौका।

“You, old woman, blessed with blindness, can speak the language that tells us what only language can: how to see without pictures. Language alone protects us from the scariness of things with no names. Language alone is meditation.

“तुम, बुढ़ी और अंधी औरत, तुम वही कहती हो जो भाषा कह सकता है, बिना तस्वीर के क्या होगा। माप जो बेनाम है। भाषा खुद ध्यान लगाना है।

“Tell us what it is to be a woman so that we may know what it is to be a man. What moves at the margin. What it is to have no home in this place. To be set adrift from the one you knew. What it is to live at the edge of towns that cannot bear your company.

हमें बताओ कि औरत होना क्या होता है ताकि हम जान सकें कि आदमी होना क्या है। क्या चीज कगार पर ही का है। अपनो से दूर होना कैसा है। शहर के कगार पर रहना जो आपको खुद से नहीं जोड़ पा रहे हो।

“Tell us about ships turned away from shorelines at Easter, placenta in a field. Tell us about a wagonload of slaves, how they sang so softly their breath was indistinguishable from the falling snow. How they knew from the hunch of the nearest shoulder that the next stop would be their last.

“हमें उन नावों के बारे में बताइए जिन्हें इस्टर से मुड़ा दिया गया। उनके बारे में बताओ जो गुलाम थे और उनका सांस बर्फ गिरने के जैसा आवाज दे रहा था। कैसे वो जानते थे कि अगला बिन्दु उनका आखिरी बिन्दु होगा।

“The inn door opens: a girl and a boy step away from its light. They climb into the wagon bed. The boy will have a gun in three years, but now he carries a lamp and a jug of warm cider. They pass it from mouth to mouth.

‘सराय का दरवाजा खुलता है और एक लड़का-लड़की बाहर आते हैं। वो गाड़ी में बैठते हैं। लड़के के पास तीन साल बाद बन्दुक आई है और एक लैम्प और गरम जग है जो वो आपस में बाँट रहे हैं।’

“The girl offers bread, pieces of meat and something more: a glance into the eyes of the one she serves. One helping for each man, two for each woman. And a look. They look back. The next stop will be their last. But not this one. This one is warmed.”

‘वो लड़की रोटी, मीट का एक टुकड़ा और बहुत कुछ देती है, एक झलक उसके आँखों में जिसके लिए वो काम करती है। हर एक के लिए एक सेवक है अगला बिन्दु उनका होगा पर ये नहीं।’

It’s quiet again when the children finish speaking, until the woman breaks into the silence.

फिर से शान्ति हो जाती है जब बच्चे चुप हो जाते हैं और वो महिला वहाँ आती है।

“Finally,” she says. “I trust you now. I trust you with the bird that is not in your hands because you have truly caught it. Look. How lovely it is, this thing we have done – together.” (adapted and edited)

वो अन्त में कहती है, “मैं तुम पर विश्वास करती हूँ। मैं तुम पे चिड़ि‍या सहित विश्वास करती हूँ। जो तुम्‍हारे हाथों में नहीं है, क्‍योंकि तुमने सत्‍य ही उसे पकड़ा है। देखो कितना प्‍यारा है यह, हमलोगों ने यह काम किया है-साथ-साथ।”

ABOUT AUTHOR

Toni Morrison was the eighth woman and the first black woman to receive the Nobel Prize (1993) in Literature. She also won the Pulitzer Prize for fiction. Her seventh and most recent novel, Paradise was published early in 1998. Her speech ‘Once Upon a Time’ wonderfully exhibits how the proper usage of language could bring about changes and big revolution in the world and more so the immediate surrounding. This speech makes the point that language should be living and vibrant. Narratives have not only been entertaining but also one of the principal ways of absorption of knowledge. There are anecdotes which bring out the theme through the most simple form of expression and language. The given speech is a fine example of this.

टॉनी मॉरिसन महिलाओ में आठवी और साँवली महिलाओ में प्रथम, साहित्‍य में नोबेल प्राइज (1999) प्राप्‍त करने वाली थी I उसने कहानी के लिए पुलित्‍सर प्राइज भी हासिल किया था I इसका सातवी और सबसे नई कहानी, पैराडाइज 1998 के प्रारंभ मे प्रकाशित हुई थी I उसका व्‍याख्‍यान, वंश अपॉन ए टाइम अद्भूत रूप से दिखाता है कि कैसे भाषा का समुचित प्रयोग दुनिया में और उससे भी अधिक नजदीकी परिवेश में परिवर्तन और बड़ी क्रांति ला सका I यह व्‍याख्‍यान ऐसी स्थिति बनाता है कि भाषा जीवन्‍त और सशक्‍त होनी चाहिए I कहानिया न केवल मनोरंजक होती है बल्कि ज्ञान की तन्‍मयता के प्रधान तरिको में एक होती है I ऐसे भी किस्‍से हैं जो अभिव्‍यक्ति और भाषा के अत्‍यंत सरल रूप के माध्‍यम से भी विषयवस्‍तु को उभार देते हैं I दिया गया व्‍याख्‍यम इनका उत्तम उदाहरण है