महासागरों से प्राप्त हो सकने वाली ऊजाओं की निम्न सीमाएँ हैं
- ज्वारीय ऊर्जा का दोहन सागर से किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बाँध का निर्माण करके किया जाता है, परंतु इस प्रकार के स्थान बहुत कम हैं, जहाँ बाँध बनाए जा सकते हैं।
- तरंग ऊर्जा का वहीं पर व्यावहारिक उपयोग हो सकता है जहाँ तरंगें अत्यंत प्रबल हों।
- ऊर्जा संयंत्रों (plant) के निर्माण की लागत बहुत अधिक है और इनके द्वारा ऊर्जा उत्पादन की दक्षता का मान बहुत कम है।
- समुद्र में या समुद्र के किनारे स्थित विद्युत ऊर्जा संयंत्र के रखरखाव उच्चस्तरीय होनी चाहिए अन्यथा इसके क्षरण की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।