सहकारिता का अर्थ है “एक साथ मिल-जुलकर कार्य करना” लेकिन अर्थशास्त्र में : इस शब्द का प्रयोग अधिक व्यापक अर्थ में किया जाता है, “सहकारिता वह संगठन है जिसके द्वारा दो या दो से अधिक व्यक्ति स्वेच्छापूर्वक मिल-जुलकर समान स्तर पर आर्थिक हितों की वृद्धि करते हैं।” इस प्रकार सहकारिता उस आर्थिक व्यवस्था को कहते हैं जिसमें मनुष्य किसी आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए मिल-जुलकर कार्य करते हैं। सहकारिता का सिद्धांत यह भी बतलाता है कि विपन्न एवं शक्तिहीन व्यक्ति एक-दूसरे के साथ मिलकर व्यापारिक सहयोग के शरा ऐसे भौतिक लाभ अथवा सुख प्राप्त कर सकें जो धनी और शक्ति-सम्पन्न व्यक्तियों को उपलब्ध हो और जिससे उनका नैतिक विकास हो। सहकारिता के द्वारा जीवन के ऐसे उच्च एवं अधिक समुन्नत स्तर की वास्तविक सिद्धि की आशा की जाती है जिसमें श्रेष्ठतम कृषि तथा समृद्ध जीवन संभव हो सके। अंततः इसका सिद्धांत “सब प्रत्येक के लिये और प्रत्येक सब के लिये है।”