व्यावसायिक बैंक प्रायः चार प्रकार की जमा राशि को स्वीकार करते हैं जो निम्नलिखित हैं-
- स्थायी जमा स्थायी जमा खाते में रुपया एक निश्चित अवधि जैसे एक वर्ष या इससे अधिक के लिए भी जमा किया जाता है। इस निश्चित अवधि के अन्दर साधारणतया यह रकम : नहीं निकाली जा सकती है। इस प्रकार के जमा को सावधि जमा भी कहा जाता है। इस अवधि के अन्दर जमा की गयी राशि पर बैंक आकर्षक ब्याज भी देते हैं।
- चालू-चालू जमा खाते में रुपया जमा करने वाला अपनी इच्छानुसारं रुपया जमा कर सकता है अथवा निकाल सकता है। इसमें किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं रहता है। सामान्यतः इस प्रकार का जमा व्यापारियों तथा बड़ी-बड़ी संस्थाओं के लिए विशेष सुविधाजनक होता है। उ माँग जमा भी कहते हैं।
- संचयी जमा-इस प्रकार के खाते में रुपया जमा करने वाला जब चाहे रु कर सकता है। किन्तु रुपया निकालने का अधिकार सीमित रहता है, वह भी एक निश्चित रकम से अधिक नहीं। इसमें चेक की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
- आवती जमा-इस प्रकार के खाते में व्यावसायिक बैंक साधारणतया अपने ग्राहकों से तिमाह एक निश्चित रकम जमा के रूप में एक निश्चित अवधि जैसे 60 माह या 72 माह के लए ग्रहण करता है और इसके बाद एक निश्चित रकम भी देता है। इसी प्रकार का एक अन्य जमा संचयी समयावधि जमा भी होता है।