भूपटल के नीचे का वह केन्द्र जहाँ भूकंपीय कंपन प्रारंभ होता है भूकंप कहलाता है। भारत को 5 भूकंपीय पेटी (Zone) में बांटा गया है जो निम्नलिखित हैं .
- जोन-1: इस जोन में दक्षिणी पठारी क्षेत्र आते हैं, जहाँ भूकंप का खतरा नहीं के बराबर है।
- जोन-2 : इसके अन्तर्गत प्रायद्वीपीय भारत के तटीय मैदानी क्षेत्र आते हैं जहाँ भूकंप की संभावना होती लेकिन तीव्रता कम होने के कारण अतिसीमित खतरे होते हैं।
- जोन-3 :इसके अंतर्गत गंगा-सिन्धु का मैदान, राजस्थान तथा उत्तरी गुजरात के क्षेत्र आते हैं। यहाँ भूकंप का प्रभाव तो देखने को मिलता है लेकिन वह कभी-कभी विनाशकारी होते हैं।
- जोन-4 : इसमें अधिक खतरे होते हैं। इसके अंतर्गत शिवालिक हिमालय का क्षेत्र, पश्चिम बंगाल का उत्तरी क्षेत्र, असम घाटी तथा पूर्वोत्तर भारत का क्षेत्र तथा अंडमान निकोबार क्षेत्र भी आते हैं।
- जोन-5:यह सर्वाधिक खतरे का क्षेत्र होता है। इसके अंतर्गत गुजरात का कच्छ प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरखंड का कुमाऊँ पर्वतीय क्षेत्र, सिक्किम तथा दार्जिलिंग का पहाड़ी क्षेत्र आता है।