भूकम्प और सुनामी के विनाशकारी प्रभावों का वर्णन करें और इनसे बचाव के उपाय बताएँ।


भूकम्प और सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है। इससे मानवीय जगत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे धन-जन की अपार क्षति होती है। बड़ी-बड़ी इमारतें एक मल्बे का रूप ले लेती हैं। जिससे आर्थिक हानि होती है। सुनामी आने से समुद्र के किनारे के गरीब मछुआरों का जीवन संकट में.पड़ जाता है। अभी हाल में जापान में भूकम्प के झटकों ने जापानवासियों को दहशत में ला दिया है। वहाँ के लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है। भूकम्प और सुनामी आने से न केवल धन-जन हानि होती है, बल्कि इसका देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इन दोनों विनाशकारी आपदाओं से देश की स्थिति डॉवाडील हो जाती है। लोग अपने-आपको सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं और दहशत में रहते हैं। इसका ज्वलंत उदाहरण जापान है, जहाँ भूकम्प के झटकों ने जापान में अपना विनाशकारी लीला दिखाया है। अत: इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि भूकम्प और सुनामी के बहुत अधिक विनाशकारी प्रभाव होते हैं।

भूकंप से बचाव के उपाय

  • भूकंप का पूर्वानुमान- भूकंपलेखी यंत्र के द्वारा भूकंपीय तरंगों का पूर्वानुमान किया जा सकता है।
  • भवन-निर्माण- भवनों का निर्माण भूकंपरोधी तरीकों के आधार पर किया जाना चाहिए। खासकर उन क्षेत्रों में जो भूकंप प्रभावित हैं।
  • प्रशासनिक कार्य- भूकंप के बाद राहत-कार्य के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विरोध दस्ते का गठन किया जाना चाहिए।
  • गैर-सरकारी संगठनों का सहयोग- भूकंपीय आपदा से निपटने के लिए गैर-सरकारी संगठनों का भी योगदान हो सकता है। ये संस्थाएं न सिर्फ राहत-कार्य में मदद कर सकते हैं, बल्कि भूकम्प के पूर्व लोगों को भूकम्प विरोधी भवन-निर्माण तथा भूकम्प के समय तत्काल बचाव हेतु लोगों को प्रशिक्षित भी कर सकते हैं।

सुनामी से बचाव के उपाय-

  • तटबंधों तथा मैंग्रोव झाड़ी का विकास- सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के लिए कंक्रीट के तटबंधों का निर्माण तथा तटबंधों पर मैंग्रोव की झाड़ियों का विकास कर सुनामी के झटके को कम किया जा सकता है।
  • तटीय प्रदेश के लोगों को प्रशिक्षण तटीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों को प्रशिक्षण देकर सुनामी के बाद राहत-कार्यों में सामूहिक रूप से इनसे मदद लिया जा सकता है।