साख पत्र क्या है ? प्रमुख साख पत्रों पर प्रकाश डालें।


साख पत्र से हमारा मतलब उन साधनों से है जिनका उपयोग साख मुद्रा के रूप में किया जाता है। साख पत्र के आधार पर साख-या ऋण या आदान-प्रदान होता है। वे वस्तुओं एवं सेवाओं के क्रय-विक्रय में विनिमय के माध्यम के कार्य करते हैं। अतः साख पत्र ठीक मुद्रा की तरह कार्य करता है। लेकिन मुद्रा एवं साख पत्रों में एक प्रमुख अन्तर यह है कि मुद्रा कानूनी ग्राह्य होते हैं, जबकि साख पत्रों को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं रहती है। अतः सान पत्रों के लेन-देन के कार्यों में स्वीकार करने के लिए किसी को भी बाध्य नहीं किया जा सकता। कुछ प्रमुख पत्र इस प्रकार हैं-

1. चेक-चेक सबसे अधिक प्रचलित साख पत्र है। चेक एक प्रकार का लिखित आदेश है जो बैंक में रुपया जमा करने वाला अपने बैंक को देता है कि उसमें लिखित रकम उसमें लिखित ‘ च्यक्ति को दे दी जाए।

2. बैंक ड्राफ्ट- बैंक ड्राफ्ट वह पत्र है जो एक बैंक अपनी किसी शाखा या अन्य किसी बैंक को आदेश देता है कि उस पत्र में लिखी हुई रकम उसमें अंकित व्यक्ति को दे दी जाए। बैंक ड्राफ्ट के द्वारा आसानी से कम खर्च में ही रुपया एक स्थान से दूसरे स्थान भेजा जा सकता है। यह देशी तथा विदेशी दोनों ही प्रकार का होता है।

3. यात्री चेक- यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री चेक बैंकों द्वारा जारी किये जाते हैं। कोई भी यात्री बैंक में निश्चित रकम जमा कर देने पर यात्री बैंक की किसी भी शाखा में यात्री चेक प्रस्तुत कर मुद्रा प्राप्त कर सकता है। इस चेक पर यात्री के हस्ताक्षर के नमूने भी अकित रहते हैं। जिसके चलते कोई दूसरा व्यक्ति रुपया नहीं प्राप्त कर सकता है।

4.प्रतिज्ञा पत्र- यह भी एक प्रकार का साख पत्र होता है। इस पत्र में ऋणी की मांग पर या एक निश्चित अवधि के बाद उसमें अंकित रकम ब्याज सहित देने का वादा करता है।