जलाक्रांतता कैसे उपस्थित होता है ? मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका है ?


अति सिंचाई से जलाक्रांतता की समस्या पैदा होती है। पंजाब, हरियाणा और प. उत्तर प्रदेश में इससे भूमि का निम्नीकरण हुआ है।
जलाक्रांतता से मृदा में लवणीय और क्षारीय गुण बढ़ जाते हैं जो भूमि के निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी होते हैं। इससे मृदा की उर्वरा शक्ति घटते जाती है और भूमि धीरे-धीरे बंजर हो जाती है।
जलाक्रांतता एक बड़ी समस्या है जो मृदा अपरदन में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।