बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन के निम्नलिखित कारण हैं–
(i) कृषि पर निर्भरता बिहार की अर्थव्यवस्था पूरी तरह कृषि पर आधारित है। यहाँ की अधिकांश जनता कृषि पर ही निर्भर है। लेकिन हमारी कृषि की भी हालत ठीक नहीं है। हमारी कृषि काफी पिछड़ी हुई है। इसके चलते उपज कम होती है। (i) औद्योगिक पिछड़ापन-किसी भी देश या राज्य के लिए उद्योगों का विकास जरूरी होता है। लेकिन बिहार में औद्योगिक विकास कुछ दिखता ही नहीं है। यहाँ के सभी खानेज क्षेत्र एवं बड़े उद्योग तथा प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी संस्थाएं सभी झारखण्ड में चले गए। इस कारण बिहार में कार्यशील औद्योगिक इकाइयों की संख्या नगण्य ही रह गई है।
(ii) बाढ़ तथा सूखे से क्षति बिहार में खास कर नेपाल में जल से बाढ़ आती है। हर साल कम या अधिक बाढ़ का आना बिहार में तय है। पिछले साल 2008 में कोशी बाढ़ का प्रलय हमारे सामने है। इससे कितने जानमाल की क्षति हुई। इस साल 2009 में भी नेपाल से आए जल से बागमती नदी में बाढ़ देखने को मिला। इसके आस-पास के इलाके सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी आदि जगहों में फसल की काफी बर्बादी हुई। . इसी तरह सूखे की मार दक्षिणी बिहार को झेलनी पड़ती है। इससे हमारे किसानों को अकाल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। इस तरह अपना बिहार बाढ़ तथा सूखा के चपेट में एक साथ रहता है।
(iv) आधारिक संरचना का अभाव किसी भी देश या राज्य के विकास के लिए आधारिक संरचना का होना जरूरी है। लेकिन बिहार इस मामले में पीछे है। राज्य में सड़क, बिजली एवं सिंचाई का अभाव है। साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ भी कम हैं। इस वजह से भी बिहार में पिछड़ेपन की स्थिति कायम है।
(v) गरीबी-बिहार एक ऐसा राज्य है जहाँ गरीबी का भार काफी अधिक है। राज्य में प्रतिव्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के आधे से भी कम है। इसके चलते भी बिहार पिछड़ा है।
(vi) खराब विधि व्यवस्था किसी भी देश या राज्य के लिए शांति तथा सुव्यवस्था जरूरी होती है। लेकिन बिहार में वर्षों तक कानून व्यवस्था कमजोर स्थिति में थी जिसके चलते नागरिक शांतिपूर्वक उद्योग नहीं चला पा रहे थे। इस तरह खराब विधि व्यवस्था भी बिहार के पिछड़ेपन का एक महत्वपूर्ण कारण बन गया है।
(vii) तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या-बिहार में जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते विकास के लिए साधन कम हो जाते हैं। अधिकांश साधन जनसंख्या के कारण-पोषण में चला जाता है।
(viii) कुशल प्रशासन का अभाव- बिहार की प्रशासनिक स्थिति ऐसी हो गई है जिसमें पारदर्शिता का अभाव है। इसके कारण आए दिन भ्रष्टाचार के अनेक उदाहरण सामने आते हैं।
बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के उपाय- बिहार में पिछड़ेपन को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं.
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