यदि R1 R2 R3…………….. पाश्र्वक्रम में संयोजित हैं तब इसके तुल्य प्रतिरोध [RP] का मान होगा-
स्पष्टतः पार्श्वक्रम में तुल्य प्रतिरोध का मान संयोजन में जुड़े अल्पतम प्रतिरोध से भी कम होता है।
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