वैद्युत युक्तियों को पाश्र्वक्रम में संयोजित करने के निम्नलिखित लाभ हैं-
- प्रत्येक युक्ति के लिए विभवांतर समान होगी तथा युक्तियाँ अपने प्रतिरोध के अनुसार धारा ग्रहण कर सकती हैं।
- पार्श्वक्रम में प्रत्येक युक्ति के लिए अलग-अलग ऑन/ऑफ स्विच लगा सकते हैं।
- पाश्र्वक्रम में यदि किसी कारणवश कोई एक युक्ति खराब भी हो जाए तो अन्य युक्तियाँ प्रभावित नहीं होती। हैं। वे सुचारू रूप से कार्य करती रहेंगी।
- पार्श्वक्रम में कुल प्रतिरोध का मान कम हो जाता है, जिसके कारण धारा का मान बढ़ जाता है।