कभी-कभी जीव अथवा उसके कुछ भाग भूपटल की कठोर सतहों के बीच दब जाती हैं, जिसके कारण उसका अपघटन नहीं होता है तथा वे परिरक्षित (Preserved) रूप में मिलती हैं, जिन्हें जीवाश्म कहते हैं। जीवाश्म जैव-विकास के लिए एक प्रमाण (evidence) प्रदान करता है, जो इसे समझने में सहायता करता है। उदाहरण के लिए-आर्कियोप्टेरिक्स (Archaeopteryx) एक पक्षी जीवाश्म जो पक्षी की तरह दिखते हैं, परंतु इसमें अनेक ऐसे लक्षण हैं जो सरीसृप में पाए जाते हैं। इस तरह यह पक्षी तथा सरीसृप के बीच एक जैव-विकास संबंध (evolutionary relation) की कड़ी स्थापित करता है तथा प्रमाणित करते हैं कि पक्षी बहुत निकटता से सरीसृप से संबंधित हैं।
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