कार की हैडलाइटों में अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है। बल्ब दर्पण के मुख्य फोकस पर रख दिया जाता है ताकि प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद उसके मुख्य अक्ष के समांतर हो जाएँ तथा प्रकाश का सीधा और शक्तिशाली किरण पुंज मिले।
किसी वाहन के पाश्र्व/पश्च-दृश्य दर्पण के लिए उत्तल दर्पण का प्रयोग किया जाता है क्योंकि ये सदैव छोटा परंतु सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं। बाहर की ओर वक्रित होने के कारण इनका दृष्टि क्षेत्र भी ज्यादा होता अवतल दर्पण है, जिसके कारण ड्राइवर पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ होता है।
सौर भट्टी में सूर्य के प्रकाश को केंद्रित करने के लिए बड़े अवतल दर्पणों का उपयोग किया जाता है। आपतित सूर्य की किरणें अनंत दूरी से आने वाली समांतर किरणें होती हैं जो अवतल दर्पण से परावर्तित होकर इसके फोकस बिंदु पर फोकसित होती हैं, जिससे ताप तेजी से 180°C-200°C तक बढ़ जाता है।