लेनिन एक कुशल सामाजिक चिंतक एवं व्यावहारिक राजनीतिज्ञ था। उसने यह स्पष्ट देखा कि तत्काल प्रभाव से पूरी तरह समाजवादी व्यवस्था लागू करना या एक साथ पूँजीवाद से टकराना संभव नहीं है अतः उसने एक नई आर्थिक नीति की घोषणा की जिसमें मार्क्सवादी मूल्यों
को भी तरजीह दिया ताकि पूँजीवाद और समाजवाद दोनों के बीच संतुलन बना रहे।