साख का अर्थ है-विश्वास का भरोसा। जिस व्यक्ति पर जितना अधिक विश्वास या भरोसा किया जाता है उसकी साख उतनी ही अधिक होती है। अर्थशास्त्र में साख का मतलब ऋण लौटाने या भुगतान करने की क्षमता में विश्वास से होता है। यदि हम कहें कि अरूण की साख बाजार में अधिक है तो इसका मतलब है कि उसकी ऋण लौटाने की शक्ति में लोगों को अधिक विश्वास है। इसी विश्वास के आधार पर एक व्यक्ति या संस्था दूसरे व्यक्ति या संस्था को उधार देती है। प्रो. जीड (Gide) के अनुसार, “साख एक एक ऐसा विनिमय कार्य है जो एक निश्चित अवधि के बाद भुगतान करने के बाद पूरा हो जाता है।