राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत के निम्नलिखित कार्य हैं-
- सरकारी बैंक के कार्य-इसके माध्यम से राज्य के किसानों को अल्पकालीन मध्यकालीन तथा दीर्घकालीन ऋण की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
- प्राथमिक सहकारी समितियों के कार्य उत्पादक कार्यों के लिए अल्पकालीन (1 वा के लिए) ऋण देती है परन्तु विशेष परिस्थितियों में इनकी अवधि 3 वर्ष तक बढ़ायी जाती है
- भूमि विकास बैंक के कार्य राज्य में किसानों को दीर्घकालीन ऋण प्रदान करने व लिए भूमि बंधक बैंक खोला गया था, जिसे अब भूमि विकास बैंक कहा जाता है। यह किसान की भूमि को बंधक रखकर कृषि में स्थायी सुधार एवं विकास के लिए दीर्घकालीन ऋण प्रदान करता है। ट्रैक्टर, पावर टीलर, पंपिंग सेट, मकान बनाने या पुराने ऋणों का भुगतान, कृषि में स्थार्य सुधार के लिये 15 से 20 वर्षों तक का ऋण भूमि विकास बैंक द्वारा प्राप्त होता है।
- व्यावसायिक बैंक के कार्य व्यावसायिक बैंक अधिक मात्रा में किसानों को ऋण प्रदान करती है। यह राज्य में किसानों को साख की सुविधा प्रदान करती है।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कार्य-यह राज्य में साख की सुविधा प्रदान करती है। छोले । एवं सीमांत किसानों, कारीगरों तथा अन्य कमजोर वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सारु एवं ऋण प्रदान करती है।
- नाबार्ड के कार्य-यह राज्य में कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए सरकारी, संस्थाओं, व्यावसायिक बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को वित्त की सुविधा प्रदान करता है। जो बाद में किसानों को यह सुविधा प्रदान करते हैं इसके अतिरिक्त यह राज्य में किसानों को सूक्ष्म वित्त भी प्रदान करती है।