सतत् विकास का शाब्दिक अर्थ है-ऐसा विकास जो कि जारी रह सके, टिकाऊ बना रह सके। सतत् विकास में न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि भावी पीढ़ी के विकास को भी ध्या में रखा जाता है। बुण्डलैण्ड आयोग ने सतत् विकास के बारे में बताया है कि “विकास की वह प्रक्रिया जिसमें वर्तमान की आवश्यकताएं, बिना भावी पीढ़ी की क्षमता, योग्यता से समझौता किये पूरी की जाती है।”