अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र या ढांचा है जिसके अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाएँ सम्पादित की जाती हैं, जैसे-कृषि, व्यापार, बैंकिंग, बीमा, परिवहन तथा संचार आदि दूसरी ओर लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है ताकि वे अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि
हेतु देश में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय कर सकें।
मिश्रित अर्थव्यवस्था ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसमें पूँजीवादी तथा समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण होता है। मिश्रित अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जहाँ उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सरकार तथा निजी व्यक्तियों के पास होता है। यह अर्थव्यवस्था पूँजीवाद एवं समाजवाद के बीच का रास्ता है।
सतत् विकास का शाब्दिक अर्थ है-ऐसा विकास जो कि जारी रह सके, टिकाऊ बना रह सके। सतत् विकास में न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि भावी पीढ़ी के विकास को भी ध्या में रखा जाता है। बुण्डलैण्ड आयोग ने सतत् विकास के बारे में बताया है कि “विकास की वह प्रक्रिया जिसमें वर्तमान की आवश्यकताएं, बिना भावी पीढ़ी की क्षमता, योग्यता से समझौता किये पूरी की जाती है।”
आर्थिक नियोजन का अर्थ एक समयबद्ध कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्व निर्धारित सामाजिक एवं आर्थिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों का नियोजित समन्वर एवं उपयोग करना है। आर्थिक नियोजन को योजना आयोग ने इस प्रकार परिभाषित किया हैआर्थिक नियोज
का अर्थ राष्ट्र की प्राथमिकताओं के अनुसार देश के संसाधनों का विभिन्न विकासात्मक क्रिया: में प्रयोग करना है।
मानव विकास रिपोर्ट (HDR) में विभिन्न देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, उनक स्वास्थ्य स्थिति एवं प्रतिव्यक्ति आय सम्मलित होती है।