वचन – प्रेरक अनमोल विचार भागवत गीता से ।


जीवन ना तो भविष्य में है और ना ही अतीत में है, जीवन तो केवल इस पल में है अर्थात इस पल का अनुभव ही जीवन है ।

अतीत से सीखना है । बर्तमान में जीना है । भविष्य का चिंतन करना है ।

जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि मरने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है, उस पर शोक नही करना चाहिए।



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