कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन के उपयोग निम्नलिखित कारणों से किए जाते हैं
- कायिक प्रवर्धन द्वारा उगाए गए पौधों में बीज द्वारा उगाए गए पौधों की अपेक्षा पुष्प एवं फल कम समय में लगते हैं।
- यह पद्धति उन पौधों के उगाने के लिए उपयुक्त है, जो बीज उत्पन्न करने की क्षमता खो चुके हैं; जैसे- गुलाब, चमेली, संतरा एवं केला।
- कायिक प्रवर्धन द्वारा उत्पन्न सभी पौधे आनुवंशिक रूप से जनक पौधे के समान होते हैं।