अंतर्ग्रथन दो तंत्रिका कोशिकाओं के बीच में छोटा खाली स्थान होता है | विद्युतीय तरंगो के रूप में आने वाला तंत्रिका आवेग एक रसायन को स्त्रवित कृत है जो खाली स्थान की दरार में आ जाता है इसी प्रकार अंतर्ग्रथन को पार कर ये रसायन अगली तंत्रिका कोशिका में पहुँच जाते है |