गेटेनबर्ग ने अपने ज्ञान एवं अनुभव से टुकड़ों में बिखरी मुद्रण कला के एतिहासिक शोध को संघटित एवं एकत्रित किया। टाइपों के लिए पंच, मैट्रिक्स, मोल्ड आदि बनाने पर योजनाबद्ध तरीके से कार्यारम्भ किया। उसने हैण्डप्रेस में लकड़ी के चौखट में दो समतल भाग प्लेट एवं बेड-एक के नीचे दूसरा समानान्तर रूप से रखा। कम्पोज किया हुआ टाइप मैटर बेड पर कस दिया एवं उसपर स्याही लगाकर एवं कागज रखकर पलेट्स द्वारा दबाकर मुद्रणकार्य को । विकसित किया।
पुनर्जागरण एवं व्यापारिक केन्द्र के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बना लेने के बाद 1475 में सर विलियम कैक्स्टन मुद्रणकला को इंगलैंड में लाए तथा वेस्ट मिन्सटर कस्बे में उनका प्रथम प्रेस स्थापित हुआ। इस प्रकार छापाखाना यूरोप पहुंचा।
ईश्वर एवं सृष्टि के बारे में रोमन कैथोलिक चर्च की मान्यताओं के विपरीत विचार आने से कैथोलिक चर्च क्रुद्ध हो गया और तथाकथित धर्मविरोधी विचारों को दबाने के लिए शुरू किया गया आन्दोलन इन्क्वीजीशन कहलाता है।
इसकी सहायता से विरोधी विचारधारा के प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं पर प्रतिबंध लगाया गया।
मुद्रण कला के आविष्कार के पूर्व हाथ द्वारा विभिन्न प्रकार के चित्रों का उपयोग कर ली गयी लिखाई को पाण्डुलिपि कहा जाता है। पुरानी बातों के संबंध में ज्ञानार्जन करने के लिए इसका उपयोग किया जाता था।
लार्ड लिटन ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट द्वारा भारतीय समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगा दिया जिससे जनमानस उद्वेलित हो गया और इससे राष्ट्रीय आन्दोलन को बल मिला।