1.वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं?

वैश्वीकरण वह प्रक्रिया वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का समन्वय या एकीकरण किया जाता है ताकि वस्तुओं एवं सेवाओं; प्रौद्योगिकी, पूँजी और श्रम या मानवीय पूंजी का भी निर्बाध प्रवाह हो सके। वैश्वीकरण के अन्तर्गत पूंजी वस्तु तथा प्रौद्योगिकी . का निर्बाध रूप से एक दूसरे देश में प्रवाह होता है। इसको स्पष्ट करते हुए बैंकों मिलनोवीक ने कहा है-“वैश्वीकरण का अर्थ पूँजी, वस्तु, प्रौद्योगिकी एवं लोगों के विचार का स्वतंत्र प्रवाह होता है। कोई भी ऐसा वैश्वीकरण आशिक ही माना जाएगा जिसमें मानवीय सम्पदा के प्रवाह में रुकावट आये।” अर्थात् वैश्वीकरण के अन्तर्गत वस्तुओं के साथ-साथ पूंजी, तकनीक एवं । सेवाओं का भी एक देश से दूसरे देश के बीच बिना किसी रुकावट के प्रवाह होता है। वैश्वीकरण के कारण ही विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं, पूंजी और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान हो रहा है। दुनिया के देश एवं लोग एक-दूसरे के अपेक्षाकृत अधिक सम्पर्क में आये हैं।

2.विश्व व्यापार संगठन क्या है ? यह कब और क्यों स्थापित किया गया ?

विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और देखता है कि इन नियमों का पालन है। विश्व व्यापार संगठन सभी देशों को मुक्त व्यापार की सुविधा देता है। विश्व व्यापार संगठन की स्थापना जनवरी 1995 में उपर्युक्त उद्देश्यों से की गई थी।

3.भारत में सन् 1991 के आर्थिक सुधारों से आप क्या समझते हैं ?

भारत ने सन् 1991 में कुछ नई नीतियों को अपनाया जिसे नई आर्थिक नीति कहा जाता है। इस नई आर्थिक नीति में व्यापक आर्थिक सुधारों को सम्मिलित किया गया है। भारत में आर्थिक सुधारों का मतलब उन नीतियों से है जिनका प्रारंभ 1991 में आर्थिक व्यवस्था की शक्ति के स्तरों में वृद्धि करने के दृष्टिकोण से किया गया है। ये आर्थिक सुधार उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीतियों पर आधारित हैं। अतः इन्हें हम एल.पी.जी. नीति भी कहते हैं। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि आर्थिक सुधारों को हम नई आर्थिक नीति (New Economic Policy) के नाम से भी पुकारते हैं।

4.उदारीकरण को परिभाषित करें।

सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणों तथा प्रतिबंधों जैसे- लाइसेंस, कोटा आदि को हटाना उदारीकरण है। आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत सन् 1991 में भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति अपनायी।

5.निजीकरण से आप क्या समझते हैं ?

निजीकरण का अभिप्राय, निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबंध करना है। आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत भारत सरकार में सन् 1991 से निजीकरण की नीति अपनायी।
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