(i) मशीनों एवं नये-नये यंत्रों का आविष्कार।
(ii) मानव की आवश्यकता।
औद्योगिकीकरण के फलस्वरूप ब्रिटिश सहयोग से भारत के उद्योग में पूँजी लगाने वाले उद्योगपति पूँजीपति बन गए। अतः समाज में तीन वर्गों का उदय हुआ- पूँजीपति, बुर्जुआ वर्ग (मध्यम वर्ग) एवं मजदूर वर्ग।
भारतीय हस्तकला, शिल्प उद्योग।
कल कारखानों की स्थापना के बाद भारत में कुटीर उद्योग बन्द होने की कगार पर पहुँच गया? जिसे इतिहासकारों ने निरुद्योगीकरण की संज्ञा दी है।
सन् 1916 में औद्योगिक आयोग की स्थापना हुई जिसका उद्देश्य था भारतीय उद्योग तथा व्यापार के भारतीय वित्त से संबंधित प्रयत्नों के लिए सहायक क्षेत्रों का पता लगाना।