राजनीतिक दल सत्ता में साझेदारी का सबसे जीवंत स्वरूप है। राजनीतिक दल सत्ता के बँटवारे के वाहक से मोल-तोल करने वाले सशक्त माध्यम होते हैं। राजनीतिक दल लोगों का ऐसा संगठित समूह है जो चुनाव लड़ने और राजनैतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है। अतः, विभिन्न राजनीकतक दल सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा के रूप में काम करते हैं। उनकी आपसी प्रतिद्वंद्विता यह निश्चित करती है कि-सत्ता हमेशा किसी एक व्यक्ति या संगठित व्यक्ति समूह के हाथ में न रहे। राजनैतिक दलों के इतिहास पर गौर से अध्ययन करने पर पता चलता है कि सत्ता बारी-बारी से अलग-अलग विचारधाराओं और समूहों वाले राजनीतिक दलों के हाथ में आती-जाती रहती है।
सत्ता की साझेदारी का प्रत्यख रूप तब भी दिखता है जब दो या दो से अधिक पार्टियाँ मिलकर चुनाव लड़ती हैं या सरकार का गठन करती हैं। इसतरह सत्ता की साझेदारी का सबसे अद्यतन रूप गठबन्धन की राजनीति या गठबन्धन की सरकारों में दिखता है, जबं विभिन्न विचारधाराओं, विभिन्न सामाजिक समूहों और विभिन्न क्षेत्रीय और स्थानीय हितों वाले राजनीतिक दल एक साथ एक समय में सरकार के एक स्तर पर सत्ता में साझेदारी करते हैं।
राजनीतिक दल के अलावा विभिन्न दबाव समूह सरकार की नीतियों और निर्णयों को बहुत हद तक प्रभावित करते हैं। दबाव समूह के संघर्ष एवं आन्दोलन में कई तरह के हित समूह शामिल होते हैं या यह भी हो सकता है कि वे कुछ हितों के बजाय सर्वमान्य हितों के लिए प्रयास करते हैं। ये समूह अप्रत्यक्ष रूप से सरकार की नीतियों को अपने पक्ष में करने के लिए कुछेक , हथकण्डे अपनाते हैं जिनमें धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन इत्यादि शामिल हैं। कभी-कभी यह भी देखने में आया है कि ये समूह संबंधित मंत्रीगण से सौदेबाजी करते हैं। ताकि सरकार की नीति और कार्यक्रम उन समूहों के अनुकूल हों। वास्तव में दबाव समूह सरकार को प्रभावित कर सत्ता मेंसाझेदार बनते हैं।